राजनीति का बाजार गरमाने लगा है। इस गर्माहट में हमारे आपसी रिश्ते खराब न हों, इस बात का ध्यान रखने की ज़रूरत है। मान लिया हमारा कोई साथी राजनैतिक प्रतिबद्धता की वजह से अपनी एक अलग विचारधारा रखता है तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि वह शख्स हमसे नाराज़ है और बदले में हम भी उससे दुराव रखें।
राजनीति का बाजार गरमाने लगा है। इस गर्माहट में हमारे आपसी रिश्ते खराब न हों, इस बात का ध्यान रखने की ज़रूरत है। मान लिया हमारा कोई साथी राजनैतिक प्रतिबद्धता की वजह से अपनी एक अलग विचारधारा रखता है तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि वह शख्स हमसे नाराज़ है और बदले में हम भी उससे दुराव रखें।
कहने कि आवश्यकता नहीं कि हमारी मुसीबत में सिर्फ हमारे दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी ही काम आएंगे, कोई नेता नहीं। इसलिए राजनीति पर बेवजह आवेश में आकर बहस करके हम अपने दोस्ताना ताल्लुकात पर क्योंकर आंच आने दें? कहीं ऐसा न हो कि तर्क-वितर्क में तो हम जीत जाएं मग़र हमारे आपसी रिश्तों में दरार पड़ जाए।
चुनाव तो हर पांच साल में आते-जाते रहेंगे लेकिन दोस्त और हितैषी वर्षों की साधना के बाद ही मिलते हैं।
shiben rainaDr. Shiben Krishen Raina
Currently in Ajman (UAE)
Member, Hindi Salahkar Samiti,
Ministry of Law & Justice (Govt. of India)
Senior Fellow, Ministry of Culture (Govt. of India)
Dr. Raina's mini bio can be read here:
http://www.setumag.com/2016/07/author-shiben-krishen-raina.html