श्रीनगर/कश्मीर में हाल ही में जिहादियों द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के जिन मासूमों की निर्मम हत्या की गई, उससे सिद्ध होता है कि वादी में अभी हालात सामान्य होते नजर नहीं आ रहे। अल्पसंख्यकों में भय का माहौल बना हुआ है। यह सही है कि जैसे ही स्थिति सुधरती नजर आती है, जिहादी फौरन चौकन्ने हो जाते हैं और कोई-न-कोई वारदात कर जाते हैं।
तीस साल से ऊपर हो गए हैं पंडितों को बेघर हुए। इनके बेघर होने पर आज तक न तो कोई जांच-आयोग बैठा, न कोई स्टिंग आपरेशन हुआ और न संसद या संसद के बाहर इनकी त्रासद-स्थिति पर कोई उच्चस्तरीय बहसबाजी ही हुई। इसके विपरीत ‘आजादी चाहने’ वाले अलगाववादियों और जिहादियों/जुनूनियों को सत्ता-पक्ष और मानवाधिकार के सरपरस्तों ने हमेशा सहानुभूति की नजर से ही देखा। पहले भी यही हो रहा था और आज भी यही हो रहा है।
और तो और उच्च न्यायालय ने भी पंडितों की उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया जिसमें पंडितों पर हुए अत्याचारों की जांच करने के लिए गुहार लगाई गयी थी। काश, अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की तरह कश्मीरी पंडितों का भी अपना कोई वोट-बैंक होता तो आज स्थिति दूसरी होती!
लगभग तीस सालों के विस्थापन की पीड़ा से आक्रांत/बदहाल यह जाति धीरे-धीरे अपनी पहचान और अस्मिता खो रही है। एक समय वह भी आएगा जब ‘उपनामों’ को छोड़ इस छितराई जाति की अपनी कोई पहचान बाकी नहीं रहेगी।
यहाँ पर इस बात को रेकांकित करना लाजिमी है कि जब तक कश्मीरी पंडितों की व्यथा-कथा को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर नहीं किया जाता तब तक इस धर्म-परायण, शांतिप्रिय और राष्ट्र-भक्त कौम की फरियाद को व्यापक समर्थन प्राप्त नहीं हो सकता। सुब्रमण्यम स्वामी,बजरंगदल या फिर अन्य हिंदूवादी दल कब तक पंडितों के दुःख-दर्द की आवाज़ उठाते रहेंगे? अतः ज़रूरी है कि सरकार पंडित-समुदाय के ही किसी जुझारू, कर्मनिष्ठ और सेवाभावी नेता को संसद/राज्यसभा में मनोनीत करे ताकि पंडितों के दुःख-दर्द को देश तक पहुँचाने का उचित और प्रभावी माध्यम इस समुदाय को मिले। अन्य मंचों की तुलना में देश के सर्वोच्च मंच (संसद) से उठाई गयी समस्याओं की तरफ जनता और सरकार का ध्यान तुरंत जाता है। विरोध-प्रदर्शन अथवा कैन्डल-मार्च और भाषण-चर्चाएं तो अपनी जगह हैं ही।
Dr. Shiben Krishen Raina
डॉ० शिबन कृष्ण रैणा
पूर्व सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार
पूर्व अध्येता, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला तथा पूर्व वरिष्ठ अध्येता (हिंदी) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
2/537 Aravali Vihar(Alwar)
Rajasthan 301001
Dr. Raina's mini bio can be read here:
http://www.setumag.com/2016/07/author-shiben-krishen-raina.html