कंगना रणौत का यह बयान कि आज़ादी हमें भीख में मिली है, सचमुच स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए या फिर निरन्तर संघर्ष करते रहे हमारे देश-भक्तों का घोर अपमान है ।
ख्याति बटोरने या सुर्खियों में रहने का यह कोई तरीका नहीं है । कला जगत में रमिये और फिल्में बनाइए । देश के राजनीतिक इतिहास अथवा स्वत्रंत्रता संग्राम के इतिहास से छेड़छाड़ न करें । फिल्मी दुनिया अलग है और स्वतंत्रता सेनानियों की दुनिया अलग । दोनों को एक ही तराजू में न तोला जाय । इतिहास के बारे में गम्भीरतापूर्वक कुछ पढ़ लिया जाय । आज़ादी हमें भीख में मिली थी तो फिर यह अमृतोत्सव आदि मनाने की पहल किस खुशी में? अभी-अभी पद्मश्री मिला है, कुछ दिन तो रुकतीं ।
लगता है 'पहले तोल फिर बोल' सूक्ति ऐसे नहीं बनी ।
Dr. Shiben Krishen Raina
डॉ० शिबन कृष्ण रैणा
पूर्व सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार
पूर्व अध्येता, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला तथा पूर्व वरिष्ठ अध्येता (हिंदी) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
2/537 Aravali Vihar(Alwar)
Rajasthan 301001
Dr. Raina's mini bio can be read here:
http://www.setumag.com/2016/07/author-shiben-krishen-raina.html